प्रकृति की ऊंची-नीची वादियों एवं हरे-भरे वृक्षों के बीच यह महाविद्यालय मझौली तहसील
के दियाडोल क्षेत्र में अपनी प्रतिभा बिखेर रहा है। यह महाविद्यालय सन 1984 अक्टूबर माह से
संचालित है। प्रारंभ में इस महाविद्यालय में मात्र 12 छात्र अध्यनरत थे। अपने प्रारंभिक वर्षों में
महाविद्यालय के पास मात्र दो कक्षायें संचालित थी जिनमें कला संकाय एवं वाणिज्य संकाय शामिल
थे।
इस महाविद्यालय की शुरुआत हायर सेकेंडरी स्कूल मझौली के एक छोटे से भवन से हुई थी।
यह कालांतर में मझौली के पुराने चिकित्सालय भवन में मार्च वर्ष 2001 तक संचालित था। महाविद्यालय
के लिए बड़े ही हर्ष का विषय था कि महाविद्यालय अपने निजी भवन में वर्ष 2001 से संचालित होने
लगा। खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए महाविद्यालय का अपना बड़ा खेल का मैदान है। जहां
महाविद्यालय के छात्र-छात्रा खो-खो, कबड्डी, क्रिकेट, दौड़, गोला फेंक एवं भाला फेंक जैसी गतिविधियों
में भाग लेकर प्रशिक्षित होते हैं एवं जिला स्तर, संभाग स्तर एवं राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में अपना
स्थान बनाते हैं। जो कि इस महाविद्यालय की गौरव-गाथा में चार चांद लगा रहे है। इसी क्रम में 2
जुलाई 2008 को महाविद्यालय को विज्ञान संकाय के संचालन का आदेश प्राप्त हुआ। अतः महाविद्यालय
अब कला संकाय वाणिज्य संकाय एवं विज्ञान संकाय के रूप में संचालित हो रहा है।
महाविद्यालय में ज्ञानवर्धक पुस्तकों से सुस्सजित एक पुस्तकालय है जहां विभिन्न संकायों की
पुस्तकों के साथ-साथ अन्य पुस्तकें, समाचार पत्र पत्रिकायें उपलब्ध है। महाविद्यालय का अपना
वाचनालय कक्ष भी है। जहां छात्र-छात्रा एवं स्टॉफ के सदस्य अध्ययन एवं अध्यापन का कार्य करते
हैं।
महाविद्यालय में BSW की कक्षाएं भी संचालित होती हैं जिसका संचालन महात्मा गांधी चित्रकूट
ग्रामोदय विश्वविद्यालय के द्वारा किया जाता है। महाविद्यालय में मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय
के द्वारा बीए,बीएससी, बीकॉम, डीसीए, पीजीडीसीए एवं स्नातक की कक्षाएं भी संचालित हो रही हैं
|